भगवान बद्रीनाथ जी की आरती हिंदी में (Badrinath Ji Ki Aarti PDF Lyrics) पवनमंद सुगन्ध शीतल हेम मन्दिर शोभितम् बद्रीनारायण जी की प्रमुख आरती है जो की बद्रीनाथ में रोज पूजा के समय की जाती है।
भगवान बद्रीनाथ जिन्हें बद्रीनारायण के नाम से भी जानते हैं , बद्रीनाथ का मंदिर भारत के उत्तराखंड के चमोली जिले में है जो की प्राचीनतम हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु जी को समर्पित है तथा यह मंदिर चार धामों में से एक प्रसिद्ध मंदिर है। प्रमाण मिलता है कि इस मंदिर की स्थापना 7वी तथा 8वीं सदी में हुई थी।
बद्रीनाथ धाम हिंदू धर्म के प्रमुख देवता भगवान विष्णु जी के रूप बद्रीनारायण की पूजा होती है। मान्यता है कि आदि शंकराचार्य जी ने सातवीं शताब्दी में 1 मीटर लंबी शालिग्राम से निर्मित मूर्ति को नारद कुंड से निकालकर यहां स्थापित किया था।
आरती बद्रीनाथ जी की
श्री पवनमंद सुगन्ध शीतल हेम मन्दिर शोभितम् ।
श्री निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ।1।
शेष सुमिरन करत निशिदिन, धरत ध्यान महेश्वरम् ।
वेद ब्रह्मा करत स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ।2।
इन्द्र चन्द्र कुबेर दिनकर, धूप दीप निवेदितम् ।
सिद्ध मुनि जन करत जै जै श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ।3।
यक्ष किन्नर करत कौतुक, ज्ञान गन्धर्व प्रकाशितम् ।
श्री लक्ष्मी कमला चॅवर डोले, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ।4।
शक्ति गौरी गणेश शारदा, नारद मुनिजन उच्चरम् ।
योगाध्यान अपार लीला, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ।5।
कैलाश में एक देव निरंजन, शैल शिखर महेश्वरम् ।
श्री राजा युधिष्ठिर करे स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ।6।
श्री बद्रीनाथ जी पंचरत्न हैं, पढ़त पाप विनाशितम् ।
कोटि तीर्थ भुवैश पुण्यं, प्राप्यये फलदायकम् ।7।
ENGLISH LYRICS
Pawan Mand Sugandh Sheetal, Hem Mandir Shobhitam ।
Nikat Ganga Bahat Nirmal, Shri Badrinath Vishwmbharam ॥
Shesh Sumiran Karat Nishadin, Dharat Dhyan Maheshwaram ।
Ved Brahma Karat Stuti, Shri Badrinath Vishwambharam ॥
Shakti Gauri Ganesh Sharad, Narad Muni Uchcharanam ।
Jog Dhyan Apar Leela, Shri Badrinath Vishwmbharam ॥
Indra Chandra Kuber Dhuni Kar, Dhoop Deep Prakashitam ।
Siddh Munijan Karat Jai Jai, Badrinath Vishwmbharam ॥
Yaksh Kinnar Karat Kautuk, Gyan Gandharv Prakashitam ।
Shri Lakshmi Kamala Chanvaradol, Shri Badrinath Vishwmbharam ॥
Kailash Main Ek Dev Niranjan, Shail Shikhar Maheshwaram ।
RajYudhishthir Karat Stuti, Shri Badrinath Vishwmbharam ॥
Shri BadriJi Ke Panch Ratna, Padhat Paap Vinashanam ।
Koti Teerth Bhavet Puny, Prapyate Phaladayakam ॥