चाणक्य के द्वारा जीवन को सुखमय तथा सफल बनाने के लिए बहुत सारे उपयोगी सुझाव दिए गए, जिन्हें चाणक्य नीति या चाणक्य नीतिशास्त्र के नाम से जाना जाता है. इन सभी नीतियों का अध्ययन करने वाले व्यक्ति हो जीवन की व्यावहारिक शिक्षा मिलती है. यदि आप भी जीवन के सिद्धांत तथा सत्य को जानना चाहते हैं, तो आपको यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए. Chanakya Niti Book PDF File आपको आर्टिकल के नीचे दिया जा रहा है.
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आचार्य चाणक्य का मकसद लोगों को जीवन के सत्य के बारे में अध्ययन कराना था. वे मौर्य साम्राज्य के संस्थापक, एक महान शिक्षक, कुशल राजनीतिज्ञ तथा अर्थशास्त्री थे. उन्होंने भारत के इतिहास को और भी अधिक महान बनाया.
चाणक्य नीति आपको सच्चे मित्र, दुश्मन, चरित्र हीन स्त्रियों में विभेद, राजा के कर्तव्य, व्यापार और धन के बारे में बताती है. यह सभी बातें वर्तमान समय में इतनी सटीक हैं कि ऐसा नहीं कहा जा सकता कि यह सभी नीतियां सालों पहले कही गई हो.
चाणक्य नीतिशास्त्र का उद्देश्य आपके जीवन को सफल बनाना है. यदि आप जीवन का आनंद उठाना चाहते हैं, तो आपको सभी बातें अवश्य माननी चाहिए.
आज के समय में यह सभी बातें कहीं ना कहीं सच्ची जरूर है, जीवन के कटु सत्य तथा उससे रूबरू होने का ज्ञान आपको केवल इसी Book में मिलता है.
चाणक्य नीतिशास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
नीचे आपको कुछ बातें, जो Chanakya Niti Sastra Book से ली गई हैं, के बारे में बताया गया है-
अन्यायोपार्जितं वित्तं दशवर्षाणि तिष्ठति ।
प्राप्ते चैकादशे वर्षे समूलं तद् विनश्यति ।।
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में कहा है, कि जो व्यक्ति चोरी, जुआ, अन्याय तथा धोखे से धन कमाता है, उस व्यक्ति का धन 10 वर्ष के लिए ही रहता है, 11वें वर्ष ब्याज के उसका धन नष्ट हो जाता है. इसलिए अन्याय से धन कमाने वाला व्यक्ति कभी सुखी नहीं रहता. उसे अपने कर्मों की सजा भुगतनी पड़ती है.
व्यक्ति को अपने रहस्य के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए (सिवाय अपने गुरु के). यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह प्रवृत्ति आपको बर्बाद कर देगी.
Chanakya Niti Book के अनुसार प्रत्येक मित्रता के पीछे कुछ ना कुछ स्वार्थ जरूर छिपा हुआ होता है. दुनिया में अभी तक ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसके पीछे लोगों का अपना स्वार्थ ना छुपा हो. इसलिए आपको इस कटु सत्य को शिकार करना चाहिए.
जो दोस्त आपके सामने मीठी-मीठी बातें करता है तथा पीठ पीछे आपकी बुराई करता है. ऐसे दोस्त को त्याग देने में ही भलाई है.
व्यक्ति को आवश्यकता से अधिक सीधा नहीं होना चाहिए, जिस प्रकार जंगल में सीधे तने वाले पेड़ ही काटे जाते हैं. उसी प्रकार सीधे व्यक्ति को लोग अधिक कष्ट पहुंचाते हैं.
यदि कोई सांप जहरीला नहीं है, तो भी उसे काटने की प्रवृत्ति को नहीं छोड़ना चाहिए. इस प्रकार कमजोर व्यक्ति को हर समय अपनी कमजोरी को प्रदर्शित नहीं करना चाहिए. यदि आप अपनी कमजोरी को प्रदर्शित करते हैं, तो लोग आपको और अधिक dominate करते हैं.
व्यक्ति को हमेशा धन संचय की आदत रखनी चाहिए. क्योंकि बुरा समय आने पर यही धन आपके काम आता है.
मूर्ख व्यक्तियों के साथ कभी भी वाद विवाद नहीं करना चाहिए यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप अपना समय नष्ट कर रहे हैं.
चाणक्य नीति शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति अपने इंद्रियों पर काबू कर लेता है, वह अपने जीवन में जल्दी सफल हो जाता है.
हमें कभी भी दुश्मन को कम नहीं समझना चाहिए. चाणक्य नीति के अनुसार यदि शत्रु हम से अधिक शक्तिशाली है तो उसके अनुकूल चलना चाहिए लेकिन अगर दुश्मन कमजोर हैं, तो इसके विपरीत व्यवहार करना चाहिए.