Download दुर्गा चालीसा Durga Chalisa Path PDF in Hindi Lyrics
आज मैं आप सभी को इस पोस्ट में मां Durga Chalisa तथा पूजा विधि साथ ही साथ चालीसा का संपूर्ण अर्थ आपको देने वाला है. कहा जाता है कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने वाला भक्त सदेव मां दुर्गा का आशीर्वाद पाता है उसके जीवन में किसी भी तरीके की समस्याएं नहीं आती है.
खास तौर पर बात करें तो नवरात्रि में मां दुर्गा चालीसा का पाठ करने पर मनुष्य को हर तरीके का लाभ मिलता है शास्त्रों में मां दुर्गा चालीसा पाठ को सर्वोत्तम माना गया है जिसके माध्यम से आप कभी भी असफल नहीं होंगे।
मां दुर्गा की पूजा जब भी आप करते हैं तो चालीसा के बिना अधूरी मानी जाती है खास तौर पर नवरात्रि में दुर्गा चालीसा का पाठ करने पर इच्छापूर्ति सहित अनेक मनोकामनाएं आपकी पूर्ण हो जाती है मां दुर्गा का अवतार ही धर्म की रक्षा तथा संसार में अंधकार को दूर करने के लिए हुआ है।
Durga Chalisa Lyrics in Hindi
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपू मुरख मौही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥इतिश्रीदुर्गाचालीसासम्पूर्ण॥
दुर्गा चालीसा पूजा सम्पूर्ण विधि –
- दुर्गा चालीसा का पाठ सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के बाद करना चाहिए।
- उसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें।
- उसके बाद उपयुक्त पूजा पाठ करके अर्चना करें।
- पूजा के दौरान दुर्गा यंत्र का प्रयोग भी अवश्य करें।
- अब अंत में दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू कर दें।
दुर्गा चालीसा पाठ करने के फायदे –
- नवरात्रि में या फिर किसी भी शुभ अवसर पर दुर्गा चालीसा का पाठ जो व्यक्ति करता है उसे भौतिक सुख मिलता है साथ ही साथ वह और अधिक प्रसन्न बना रहता है।
- मां दुर्गा चालीसा का पाठ करने पर आपको नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलेगी।
- यदि आप मन से दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं तो मां दुर्गा आप पर धन समृद्धि तथा ज्ञान की वर्षा करती हैं।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करने पर आपने जुनून आशा सभी भावनाएं आपके मानसिक विकास को शक्ति प्रदान करती है।
- आपको किसी भी प्रकार के धन हानि से बचाती है।
- कहां जाता है कि दुर्गा चालीसा का पाठ करने पर आपके मन को शांति मिलती है।
- बड़े-बड़े ऋषि मन को शांत करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करते थे।
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