Download PDF of दशहरा पूजा विधि Dussehra Puja Vidhi, Pujan Samagri List
नमस्कार दोस्तों आज मैं आपके साथ Dussehra Puja Vidhi, Samagri साझा करने वाला हूं जिसे आप नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं.
दशहरा अर्थात विजयादशमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जिसे अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था तथा इसी दिन देवी दुर्गा ने नवरात्रि एवं 10 दिन के युद्ध के पश्चात महिषासुर पर अपनी विजय प्राप्त की थी इसे असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो भी काम आप आरंभ करते हैं उसमें आपको सदैव विजय मिलती है।
इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं रामलीला का आयोजन किया जाता है रावण का विशेष पुतला बनाया जाता है जिसे बाद में दहन किया जाता है यह त्योहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है यहां भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में फैलाता है दशहरा का पर्व 10 प्रकार के पापों काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी को समाप्त कर देता है।
दशहरा/ विजयादशमी का महत्व
दशहरा का हिंदू धर्म शास्त्र में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था। जिस कारण से इस दिन को दशहरा कहा जाता है। इसके साथ ही दूसरी कथा के अनुसार मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था तब से ही विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर सिद्धियां प्राप्त करने के लिए पवित्र माने जाने वाले शमी वृक्ष एवं देवी अपराजिता के अलावा अस्त्र तथा शस्त्रों की पूजा भी की जाती है। माना जाता है कि लोग शमी और अपराजिता के पेड़ की पूजा करते हैं जिससे वे लोग शत्रु पर विजय पा लेते हैं।
दशहरा पूजा विधि Vijayadashami Puja Vidhi
- दशहरा के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात घर की साफ सफाई करनी चाहिए तथा पूरे घर को गेंदे और आम के पत्तों से सजाना चाहिए
- स्वच्छ कपड़े पहन कर तैयार होना चाहिए खासकर पुरुषों को दशहरे के दिन सफेद कपड़े पहने चाहिए
- इसके उपरांत रावण का पुतला बनाया जाता है पुतले बनाने में गोबर का इस्तेमाल किया जाता है अगर आपके पास गोबर ना हो तो आटे से भी रावण का पुतला बना सकते हैं
- सबसे पहले आप गोबर के 10 गोले बनाएं अगर गोबर ना हो तो आटे से 10 गोले बनाएं उसके बाद इन गोलों को मुख का आकार दें उसके पश्चात सही तरीके से रावण का पुतला बना दे तथा उन पर कपास भी जरूर डालें अगर कपास नहीं है तो जनेऊ भी डाल सकते हैं अब उसके पश्चात रावण को दही और ज्वार अर्पित करें
- इसके पश्चात रावण की पूजा की जाती है क्योंकि रावण भी एक विद्वान और ब्राह्मण भी था इसीलिए इस दिन सुबह-सुबह रावण की पूजा की जाती है
- इसके बाद आप भगवान विष्णु से प्रार्थना करें कि हे भगवान आप हमारे परिवार में खुशियां लाइए ताकि हम हमेशा सदमार्ग पर चलते रहें। ऐसी प्रार्थना करने के बाद आप भगवान विष्णु को प्रणाम करें
- इसके पश्चात पीपल बरगद तुलसी आदि पवित्र वृक्षों की पूजा की जाती है
- अंत में राम भगवान के द्वारा रावण के पुतले को जलाया जाता है
दशहरा पूजा मंत्र:
राम रामाय नम:- ॐ अपराजितायै नमः- पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना कवन सो काज कठिन जग माहि, जो नहीं होत तात तुम पाहि ॥
दशहरा पूजा सामग्री Dussehra Puja Samagri
- गाय का गोबरदीप
- अक्षत
- आटा
- सुपारी
- चंदन
- ज्वारे
- दही
- कपास
- धूप
- कुमकुम
- जनेऊ
दशहरा अबूझ मुहूर्त
वैदिक ज्योतिषियों के अनुसार दशहरा पर अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इसका मतलब है कि कोई भी कार्य बिना मुहूर्त देखें सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। जैसे कि आपको कोई बिजनेस खोलना हो या प्रॉपर्टी वाहन खरीदना हो आप खरीद सकते हैं।