Hindi Alphabet (हिंदी वर्णमाला): ऐसा माना जाता है, कि हिंदी भाषा विश्व में उपस्थित सभी भाषाओं से सबसे ज्यादा तार्किक एवं वैज्ञानिक भाषा है। क्योंकि यह भाषा ध्वनि पर आधारित होती है। अर्थात प्रत्येक शब्द सबसे सूक्ष्म इकाई वर्ण द्वारा बना होता है, जिसे क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित तरीके से लिखने पर शब्द का निर्माण होता है।
हिंदी भाषा विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत, जिसे विश्व में सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है, से बनी हुई है। इस भाषा की लिपि संस्कृत भाषा की तरह देवनागरी ही है। हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला है। जिसे उत्तर भारत में Bihar, Delhi, Haryana, Jharkhand, Madhya Pradesh, Rajasthan, Uttarakhand, Himachal Pradesh, Chhattisgarh and Uttar Pradesh राज्यों द्वारा Official Language के रूप में प्रयोग किया जाता है।
हिंदी वर्णमाला किसे कहते हैं? What is Hindi Alphabet?
हिंदी भाषा की सबसे सूक्ष्म इकाई वर्ण (letter)कहलाती है। जब हिंदी भाषा के सभी वर्णों को क्रमबद्ध तरीके से जोड़ा जाता है, तो ये वर्णमाला (Alphabet) का निर्माण करते हैं। Hindi Alphabet में 52 वर्णों को रखा गया है, जिनमें से 11 स्वर, 33 व्यंजन, 4 संयुक्त व्यंजन, 2 द्विगुण व्यंजन तथा 2 अयोगवाह वर्ण हैं।
What is Vowel in Hindi Alphabet हिंदी वर्णमाला में स्वर क्या हैं?
ऐसे Letters जिनका उच्चारण करने के लिए किसी अन्य वर्ण की आवश्यकता नहीं होती. अर्थात ये दूसरों पर आश्रित नहीं होते, स्वर कहलाते हैं. हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर (Vowels) है।
Vowel | Pronunciation | Word |
अ | A | अनार |
आ | Aa | आम |
इ | I | इमली |
ई | Ee | ईत्र |
उ | Ou | उल्लू |
ऊ | Oo | ऊन |
ऋ | Ri | ऋषि |
ए | E | एकता |
ऐ | Ai | ऐनक |
ओ | O | ओखली |
औ | Au | औरत |
ध्यान रखें, कि हिंदी वर्णमाला में ‘अं’ तथा ‘अः’ वर्ण, स्वरों के अतिरिक्त दो ध्वनियां होती हैं, जिन्हें अयोगवाह (ऐसे वर्ण जिनमें स्वर तथा व्यंजन दोनों के गुण पाए जाते हैं.) कहा जाता है.
स्वर के प्रकार (Types of Vowel)
उच्चारण की दृष्टि से सौरभ भागों में विभक्त किया जा सकता है –
ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों का उच्चारण करते समय सबसे कम समय लगता है, ह्रस्व स्वर कहलाते हैं.
अ, इ, उ, ऋ
दीर्घ स्वर – जिन स्वरों का उच्चारण करते समय ह्रस्व स्वरों की तुलना में दोगुना समय लगता है, दीर्घ स्वर कहलाते हैं.
आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
प्लुत स्वर – जिन स्वरों का उच्चारण करते समय ह्रस्व स्वरों से लगभग 3 गुना का समय लगता है, प्लुत स्वर कहलाते हैं. इस प्रकार के स्वरों का प्रयोग ज्यादातर संस्कृत भाषा में उपस्थित मंत्रों में किया जाता है.
उदाहरण के लिए ॐ को ओ३म लिखा जाता है.
Consonant in Hindi Alphabet हिंदी वर्णमाला में व्यंजन क्या हैं?
ऐसे वर्ण जिनका उच्चारण करने के लिए अन्य वर्णों (स्वर) की आवश्यकता होती है, उन्हें व्यंजन कहा जाता है. हिंदी वर्णमाला में कुल 33 व्यंजन हैं.
अथार्त व्यंजन (Consonant) को बनाने के लिए स्वर की आवश्यकता पड़ती है, हालांकि जब किसी व्यंजन को स्वर रहित लिखना होता है, तो उस व्यंजन के नीचे हल् (्) का प्रयोग किया जाता है.
Consonant | Pronunciation | Word |
क | Ka | कलम, कबूतर |
ख | Kha | खरगोश, खजाना |
ग | Ga | गधा, गमला |
घ | Gha | घर, घड़ी |
ङ | Na | गङ्गा |
च | Cha | चयन, चतुर |
छ | Chh | छड़, छननी |
ज | Ja | जलेबी, जग |
झ | Jha | झंडा, झपकी |
ञ | Na | चञ्चल |
ट | Ta | टक्कर, टमाटर |
ठ | Tha | ठंड, ठग |
ड | Da | डर, डकैत |
ढ | Dha | ढलान, ढक्कन |
ण | Na | बाण |
त | Ta | तकनीक, तालाब |
थ | Tha | थकान, थरमस |
द | Da | दमन, दरवाजा |
ध | Dha | धर्म, धनुष |
न | Na | नयन, नल |
प | Pa | पक्ष, पंख |
फ | Pha | फल, फ़क़ीर |
ब | Ba | बस, बंगला |
भ | Bha | भरोसा, भालू |
म | Ma | मच्छर, मख़ी |
य | Ya | यन्त्र, यमराज |
र | Ra | रडार, राम |
ल | La | लड़का, लोमड़ी |
व | Va | वजह, वानर |
श | Sh | शहर, शहद |
ष | Sha | षड्यंत्र, षट्कोण |
स | Sa | सस्ता, सूरज |
ह | Ha | हवा, हाथी |
क्ष | Ksh | क्षमता, छत्रिया |
त्र | Tra | त्रिशूल, त्रिकोण |
ज्ञ | Gya | ज्ञान, ज्ञानी |
श्र | Shra | श्रम, श्रोत |
ड़ | Ra | सड़क, खड़ा |
ढ़ | Ra | पढ़ाई |
ऊपर दिए गए व्यंजनों के अतिरिक्त कुछ अन्य प्रकार के Consonants भी होते हैं, जिन्हें संयुक्त व्यंजन तथा द्विगुण व्यंजन कहा जाता है
संयुक्त व्यंजन -: इस प्रकार के Consonant का निर्माण दो या से अधिक व्यंजनों के जुड़ने से होता है, संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं।
- क्ष= क् + ष + अ
- त्र= त् + र + अ
- ज्ञ= ज् + ञ + अ
- श्र = श् + र + अ
द्विगुण व्यंजन -: ड़ ढ़
व्यंजन के प्रकार (Types of Consonant)
व्यंजन को तीन भागों में विभाजित किया जाता है-
स्पर्श व्यंजन – कंठ, तालु, मूर्धा, दाँत या ओठों के स्पर्श के आधार पर 25 स्पर्श व्यंजन होते हैं.
- कवर्ग – क ख ग घ ड़ (कंठ)
- चवर्ग – च छ ज झ ञ (तालु)
- टवर्ग – ट ठ ड ढ ण (मूर्धा)
- तवर्ग – त थ द ध न (दाँत)
- पवर्ग – प फ ब भ म (ओठ)
अंतःस्थ व्यंजन – य र ल व अंतःस्थ व्यंजन की श्रेणी में आते हैं.
ऊष्म व्यंजन – इस प्रकार के व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा मुँह में टकराकर ऊष्मा पैदा करती है. इसलिए इन्हें ऊष्म व्यंजन कहते हैं. श ष स ह वर्णों को इस श्रेणी में रखा गया है.
हिंदी की वर्णमाला में सभी स्वर तथा व्यंजन को क्रमबद्ध तरीके से लिखा जाता है, जिसे नीचे दिए गए Chart के माध्यम से देखा जा सकता है. आप hindi Varnamala को Download करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
अ से ज्ञ तक
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ऋ |
ए | ऐ | ओ | औ | अं | अः | |
क | ख | ग | घ | ङ | ||
च | छ | ज | ज | ञ | ||
ट | ठ | ड | ढ | ण | ||
त | थ | द | ध | न | ||
प | फ | ब | भ | म | ||
य | र | ल | व | |||
श | ष | स | ह | |||
क्ष | त्र | ज्ञ |
हिंदी में वर्णो की कुल संख्या 52 है, जिनमे 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। तथा लेखन के आधार पर 56 वर्ण होते है, जिनमे अतिरिक्त 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
हिंदी में कुल 11 स्वर होते है। जो है अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ तथा इसके अतिरिक्त ऋ को आधा स्वर(अर्धस्वर) माना जाता है, अतः इसे स्वर में शामिल किया गया है।
ऐसे स्वर जिनका उच्चारण करते समय बहुत ही काम समय लगता है। जैसे की अ, इ, उ, ऋ
क, ख, ग, घ, ड़।
च, छ, ज, झ, ञ।
ट, ठ, ड, ढ, ण।
त, थ, द, ध, न।
प, फ, ब, भ, म।