Navratri Vrat Katha & Puja Vidhi PDF

नवरात्रि व्रत कथा एवं पूजा विधि Sharadiya Navratri Vrat Katha & Puja Vidhi PDF

Navratri Vrat Katha & Puja Vidhi: नवरात्रि को हिंदुओं का एक सबसे प्रमुख त्योहार माना जाता है संस्कृत में नवरात्रि शब्द का अर्थ होता है नौ रातें नवरात्रि 9 रातों तथा 10 दिनों तक मनाए जाने वाला प्रमुख त्यौहार है जिसे संपूर्ण भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

नवरात्रि प्रति वर्ष चार बार आता है पौष चैत्र आषाढ़ अश्विन मास की नवमी को मनाया जाता है वर्ष के प्रथम मास अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्रि होती है। चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्रि होती है।

इसके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्रि होती है। इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में भी गुप्त नवरात्रि मनाने का प्रावधान है।

अश्विन मास की नवरात्रि सबसे प्रमुख मानी जाती है इसे शरद नवरात्रि भी कहते हैं इस दिन शक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती है नौ देवियां निम्नलिखित है।

Navratri (नवरात्रि)

शैलपुत्री – नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है जिन्हें चंद्रमा का प्रतीक मारा गया है शैलपुत्री की पूजा करने से सभी प्रकार के बुरे प्रभाव का जीवन में शांति आती है इस दिन भक्तों को पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्‌।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ॥

ब्रह्मचारिणी – ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा का दूसरा रूप कहां गया है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन पूरे विधान से की जाती है मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को प्रदर्शित करती हैं जो इस दिन पूरे मन से पूजा करता है उसके समस्त प्रकार के दुख दर्द और तकलीफ दूर हो जाती है इस दिन आपको हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए।

दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला-कमण्डलू ।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

चंद्रघंटा – नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है जो कि सूर्य ग्रह को नियंत्रित करती हैं मां चंद्रघंटा की पूजा करने से सभी प्रकार के भय दूर हो जाते हैं इस दिन ग्रे रंग के कपड़े पहनने की मान्यता है।

पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

कूष्माण्डा – नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा बड़ी धूमधाम से की जाती है जो कि सूर्य को प्रदर्शित करती है इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र पहनने को शुभ माना जाता है मां कुष्मांडा सभी प्रकार की विपत्तियों को दूर कर देती है।

See also  दुर्गा चालीसा पाठ | Durga Chalisa PDF Hindi

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदाऽस्तु मे॥

स्कंदमाता – नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है जो कि बुध ग्रह को नियंत्रित करती है अगर आप पूरे विधि विधान से मां की पूजा करते हैं तो आप मां की कृपा सदैव बनी रहती है साथ ही इस दिन सफेद कपड़ो को पहनने का विधान है।

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदाऽस्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी

कात्यायनी – बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करने वाली मां कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के छठवें दिन अर्थात षष्ठी तिथि को की जाती हैं मां की पूजा करने से हिम्मत और शक्ति में विधि होती है इस दिन आपको लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए।

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानव-घातिनी॥

कालरात्रि – सप्तमी तिथि को माता कालरात्रि की पूजा की जाती है जिन्हें शनि ग्रह का प्रतीक माना गया है मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों में वीरता बड़े जाती हैं साथ ही आपको इस दिन नीले रंग के कपड़े पहननी चाहिए।

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

महागौरी – नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है जिन्हें राहु ग्रह को नियंत्रित करने के प्रति के रूप में माना गया है इस दिन पूजा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है इस दिन आपको गुलाबी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।

श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव-प्रमोद-दा॥

सिद्धिदात्री – नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं इस दिन आपको पर्पल रंग के कपड़े पहनने चाहिए जिससे आपकी बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।

सिद्धगन्धर्व-यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

नवरात्रि का दसवां दिन- इस दिन शरद नवरात्रि का पारण होता है तथा मां दुर्गा को विसर्जित किया जाता है इस स्थिति को विजयदशमी अर्थात दशहरा के नाम से भी जाना जाता है।

भारत में शरद नवरात्रि का महत्व

शरद नवरात्रि भारत में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है मुख्य तौर पर गुजरात का अंत में इस प्रकार का सबसे अधिक प्रचलन है गुजरात में नवरात्रि समारोह में गरबा और डांडिया आदि नृत्य किए जाते हैं पता बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इसके अलावा भारत के लगभग सभी राज्यों में नवरात्रि को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और नवरात्रि व्रत को रखा जाता है मां दुर्गा की नवरात्रि से सभी के जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है और सभी प्रकार की दुख विपत्ति आदि सब दूर हो जाते हैं मां दुर्गा का आशीर्वाद पूरे भारतवर्ष के सभी व्यक्तियों पर बना रहता है.

See also  इंदिरा एकादशी | Indira Ekadashi Puja Vidhi & Vrat Katha PDF

नवरात्रि पूजा विधि Navratri Puja Vidhi

  • सुबह जल्दी उठे तथा स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहन ले
  • उसके उपरांत उपयुक्त दी गई पूजा सामग्री को इकट्ठा कर ले
  • उसके उपरांत पूजा की थाली सजाएं
  • इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर लाएं और लाल रंग के वस्त्र में रख दे
  • आपको मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोने चाहिए तथा नवरात्रि के अंतिम दिन यानी 9 मई तक आपको उसमें प्रतिदिन पानी का छिड़काव करना चाहिए
  • शुभ मुहूर्त के अनुसार क्लास को स्थापित करें इसमें गंगाजल को भरने साथ ही कलर्स के मुख पर आम की प्रतियां लगाएं तथा नारियल को उसके ऊपर रख लें अब लाल कपड़े से कलश को लपेट लें अब इसको मिट्टी के बर्तन के पास रख दें
  • अब उपयुक्त पूजा विधि के द्वारा पूजा आरंभ करें मां दुर्गा का नाम ले मां दुर्गा की आरती और चालीसा गाय और जिस दिन आप पूजा कर रहे हैं उस दिन मां दुर्गा के उस रूप का नाम लें तथा मंत्रोच्चारण करें
  • सभी 9 दिनों तक सभी शक्ति रूपों से संबंधित मंत्र का जाप करें तथा शक्ति रूपा की पूजा करके उनसे समृद्धि की कामना करें
  • मान्यताओं के अनुसार अष्टमी या नवमी तिथि के दिन आपको दुर्गा पूजा करने के बाद नौ कन्याओं का पूजन करना चाहिए साथ ही साथ उन्हें भोजन खिलाकर दान दक्षिणा दे
  • नवरात्रि के अंतिम दिन दुर्गा माता का विसर्जन करें आरती गाएं उनकी चालीसा गाने तथा फूल चावल को चढ़ाकर विधि से कलश को उठा लें

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।

नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट (Navratri Pujan Samagri List)

मां दुर्गा की प्रतिमा, अगरबत्ती, धूप, रूई, लाल वस्त्र, आम के पत्ते, सिंदूर, लाल चुनरी, रेशमी चूड़ियां, जायफल, पंचमेवा, शक्कर, शहद, दीप, बत्ती, दीपक, कमलगट्टा, बेलपत्र, पुष्टाहार, रोली, चौकी, हवन कुंड, कपूर, सुपारी, लॉन्ग, लोबान, घी, मेवा, आसन, पिसी हुई हल्दी, हल्दी की गांठ सुपारी, साबुत बिंदी, मेहंदी, पुष्प, दुर्गा सप्तशती किताब, नारियल, केसर, धूप, वस्त्र, दर्पण, कंगन, चूड़ी, सुगंधित तेल, चौकी, लाल कपड़ा, पानी वाला जट्टायुक्त नारियल, माचिस कलश, चावल, कुमकुम, श्रृंगार का सामान, दीपक, तेल, फूल फूलों का हार, पान सुपारी, लाल झंडा, लोंग, इलाइची, बतासे, मिश्री, असली कपूर, उपले, हलवा, मिठाई, दुर्गा चालीसा व आरती की किताब, कलावा, हवन के लिए आम के लकड़िया, जौ, श्वेत वस्त्र, रेत, मिट्टी, गंगाजल आदि.

Download PDF Now

श्री दुर्गा आरती | Durga Aarti

If the download link provided in the post (Navratri Vrat Katha & Puja Vidhi PDF) is not functioning or is in violation of the law or has any other issues, please contact us. If this post contains any copyrighted links or material, we will not provide its PDF or any other downloading source.

Leave a Comment

Join Our UPSC Material Group (Free)

X