ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ | Rin Mochan Mangal Stotra PDF

जैसा कि हम सभी जानते हैं, हनुमान जी को संकट मोचक माना जाता है। इसके साथ ही, यदि आप किसी कर्ज या वित्तीय कठिनाई से गुजर रहे हैं, तो आपको राहत दिलाने के लिए आज हम ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ pdf लेकर आए हैं। यह स्तोत्र बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है और आमतौर पर उन भक्तों द्वारा पढ़ा जाता है जो वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं या फिर कर्जे में डूबे हुए हैं।

Rin Mochan Mangal Stotra भगवान हनुमान जी को संबोधित करता है जिसमें बजरंगबली को सामने आने वाली समस्त बाधाओं का निवारण तथा कर्ज से मुक्ति की प्रार्थना की गई है। हनुमान जी को शक्ति और भक्ति का अवतार माना जाता है। इस स्तोत्र से भक्तों की वित्तीय कठिनाइयों से निजात मिलती है और उन्हें समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

इस स्तोत्र को मंगलवार को करना अच्छा माना जाता है क्योंकि मंगलवार हनुमान जी और मंगल ग्रह से संबंधित है इस दिन हनुमान जी की पूजा पाठ करने से कई दोस्तों से मुक्ति मिलती है मंगलवार को मुख्यता हनुमान जी की पूजा होती है और इन्हें प्रमुख देव के रूप में भी माना जाता है। आप इस पाठ को प्रत्येक मंगलवार को कर सकते हैं और इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि मंगलवार के शुभ मुहूर्त पर ही इस पाठ को करें।

ऋणमोचक मंगल स्तोत्र

मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः।।

लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः।।

अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः।।

एतानि कुजनामनि नित्यं यः श्रद्धया पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात्।।

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धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्तिहस्तं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम्।।

स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्पठनीयं सदा नृभिः।
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित्।।

अङ्गारक महाभाग भगवन्भक्तवत्सल।
त्वां नमामि ममाशेषमृणमाशु विनाशय।।

ऋणरोगादिदारिद्रयं ये चान्ये ह्यपमृत्यवः।
भयक्लेशमनस्तापा नश्यन्तु मम सर्वदा।।

अतिवक्त्र दुरारार्ध्य भोगमुक्त जितात्मनः।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुश्टो हरसि तत्ख्शणात्।।

विरिंचिशक्रविष्णूनां मनुष्याणां तु का कथा।।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः।।

पुत्रान्देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गतः।
ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः।।

एभिर्द्वादशभिः श्लोकैर्यः स्तौति च धरासुतम्।
महतिं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा।।

।। इति श्री ऋणमोचक मङ्गलस्तोत्रम् सम्पूर्णम्।।

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धार्मिक मान्यताओं के आधार पर ऋण मोचन  मंगल स्तोत्र का पाठ पूरे मन व मस्तिष्क के साथ करना चाहिए  तभी यह अपना प्रभाव दिखाता है जिससे कर्ज मुक्ति मिलना शुरू हो जाती है वह आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं।

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