नमस्कार मित्रों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ शेयर करने वाले हैं shab e barat ki namaz ka tarika PDF शबे बारात बहुत ही बरकत अजामत वाली रात है, इस रात में मोमिन बंधो को अल्लाह की दरगाह में खूब इबादत करना चाहिए ताकि जब हम सब ए बारात में अल्लाह की इबादत करेंगे तो अल्लाह हम से राजी हो जाएगा।
इस रात मैं जो भी आने वाला साल है उसकी पूरी जानकारी लोहे महफूज पर लिख दी जाती है। shab e barat में हमें ज्यादा से ज्यादा इबादत करके अल्लाह से हमारे गुनाह की मुआफी मांगनी चाहिए। और अल्लाह अज्जवाजल से रो रोकर दुआ मांगनी चाहिए बेशक वही रिज़्क़ देने वाला जिंदगी तथा मौत देने वाला और सभी की सुनने वाला।
Allah Ta’ala has, due to his infinite grace and mercy, presented to His bondsmen some special occasions wherein they have a golden opportunity of earning the mercy and forgiveness of Allah. Some explicit examples of these special occasions are the month of Ramadan and Laylatul Qadr. In the same mould is the fifteenth night of Shaban. Several Ahaadith extol the tremendous merit of this occasion. Amongst them is the fact that countless people are forgiven by Allah during this blessed night. It is due to this reason that this night is called “The night of Bara’at” (i.e. the night wherein judgement of saviour from Jahannam and punishment is passed).
Shab e-Barat is an Islamic festival that is celebrated all around the globe. The translation of Shab e-Barat is ‘The Night of Fortune and Forgiveness’ and it is observed on the 14th and 15th night of the month of Sha’aban Aban, which is the eighth month of the Islamic Calendar.
शबे बरात में मग़रिब की नमाज़ के बाद पढ़ने वाली नफ़्ल नमाज़ का तरीका (Shab e Barat Ki Namaz Ka Tarika)
सबसे पहले आप मगरिब की नमाज़ मुकम्मल कर लीजिए !
मग़रिब की नमाज़ मस्जिद में अदा की हो या घर पर ! नमाज़ अदा होने के बाद तस्बीह
और दुआ से फ़ारिग़ होकर 6 रकअत नमाज़ नफ़्ल 2×2 की नियत से अदा कीजिए
पहली 2 रकअत नमाज़ शुरू करने से पहले यह दुआ कीजिए
या अल्लाह इन दो रकआतो की बरकत से मेरी उम्र में बरकत अता फरमा
शबे बरात की 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल की नियत
नियत की मैंने दो रकअत शबे बरात की नफ़्ल नमाज की खास वास्ते अल्लाह तआला के
मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर
शबे बरात की 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल का तरीका
अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ बाँध लीजिये ! फिर आप ओर नमाज़ में नफ़्ल अदा करते है
उसी तरह से नफ़्ल नमाज़ अदा कीजिये ! नमाज़ मुकम्मल होने बाद
21 मर्तबा सूरह इखलास और एक मर्तबा सूरह यासीन की तिलावत कीजिये
अगर आप दो जने साथ में नमाज पढ़ते हैं ! 21 मर्तबा सूरह इखलास (कुल्हुवल्लाहु शरीफ ) के बाद
जब सूरह यासीन पढ़ने की बारी आये !
तो दोनों में से कोई भी एक सूरह यासीन की तिलावत बुलंद आवाज में कर सकता है !
और दूसरा उस आवाज को सूरह यासीन की तिलावत को बिल्कुल खामोशी के साथ सुने
दूसरा अपनी जुबान से कुछ भी लफ़्ज़ अदा ना करें सिर्फ और सिर्फ सूरह यासीन सुने
इंशा अल्लाह शबे बरात मैं सवाब का अंबार लग जाएगा !