Download PDF of Shani Amavasya Puja Vidhi in Hindi (शनि अमावस्या पूजा विधि)
हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व बताया गया है प्रत्येक महीने में एक बार अमावस्या करती हैं इसीलिए शनिवार को पढ़ने वाली अवश्य को शनि अमावस्या के नाम से जाना जाता है इस दिन शनि देव की पूजा का विशेष महत्व होता है.
Language | Hindi |
Pages | 10 |
Size | 4 MB |
Source | PDFNOTES.CO |
शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि यदि इस दिन शनिदेव की पूजा विधि करते हैं तो शनि के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती हैं. शनि अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा करने से शनि दोष दूर हो जाता है.
इसलिए जिस व्यक्ति पर शनि का प्रकोप है उस व्यक्ति को इस दिन शनिदेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए
शनि भगवान की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
शनि अमावस्या संपूर्ण पूजा विधि
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इस दिन नदी में स्नान करने का बहुत बड़ा महत्व होता है
- स्नान करने के पश्चात घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
- उसके पश्चात सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
- इस दिन उपवास भी जरूर रखना चाहिए.
- इसके उपरांत शनिदेव की पूजा अर्चना करें.
- इसके बाद शनि देव की आरती चालीसा करें.
- शनिदेव को तेल अर्पित करें. इस दिन पितर संबंधित कार्य भी किए जाते हैं.
- पितरों को तर्पण और दान करें
- उसके पश्चात भगवान विष्णु की पूजा करें क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी महत्व है.
- इसके अलावा भगवान शंकर की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए