Download PDF of India’s National (Rashtriya geet) Song वंदे मातरम Vande Mataram Lyrics in Hindi
The national song of India is Vande Mataram, composed by Bankim Chandra Chatterjee. This song composed by Bankim Chandra Chatterjee in Sanskrit and Bengali language was published in his novel Anandamath in the year 1882 in this novel this song was sung by Bhavanand and its tune was composed by Yadunath Bhattacharya.
It takes 65 seconds to sing this song, after attaining independence, Dr. Rajendra Prasad declared ‘Vande Mataram‘ as the national song on 24 January 1950 in the Constituent Assembly, and since then till today this song has been spread all over India.
Size of PDF | 0.4 MB |
No of Pages | 1 |
Language | Hindi |
Credit / Source | PDF NOTES |
This song is sung on main occasions in India as well as it is spoken in all schools, we have reached this song written by Bankim Chandra Chatterjee and you can download it from the PDF file link given below
भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम (Vande Mataram) है जिसके रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी हैं (bankim chandra chatterjee) बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा संस्कृत, बांग्ला भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन 1882 में उनके उपन्यास आनंदमठ में हुआ था.
तथा इस उपन्यास में इस गीत को भवानंद ने गाया था तथा इसकी धुन यदुनाथ भट्टाचार्य ने बनाई थी इस गीत को गाने में 65 सेकंड का समय लगता है.
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा में 24 जनवरी 1950 में ‘वन्दे मातरम्’ को राष्ट्रगीत के रूप में घोषित किया था और तब से लेकर आज तक यह गीत पूरे भारत में मुख्य अवसरों पर गाया जाता है.
साथ ही साथ सभी विद्यालयों में इसे बोला जाता है बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखे इस गीत को हमने आप तक पहुंचा है और आप इसे नीचे दिए गए PDF File लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं.
National Song (Rashtriya Geet) Lyrics in Hindi
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्।।
सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बॅले
बहुबलधारिणीं
नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं
मातरम्।।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वम् हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडी मन्दिरे-मन्दिरे।।
त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम्
मातरम्।।
वन्दे मातरम्
श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं
मातरम्।।
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