विजयी विश्व तिरंगा प्यारा जिसे भारत का ध्वज गीत या झंडा गीत (Jhanda Geet pdf) भी कहा जाता है, कि रचना श्यामलाल गुप्त पार्षद द्वारा की गई थी। जब इस गीत को झंडा गीत के रूप में स्वीकार किया गया तो इस गीत ने नवयुवकों में जोश की लहरें भर दी और देश पर मर मिटने हेतु प्रेरणा का मुख्य स्रोत भी बन गया।
इतिहास (History)
“vijayi vishwa tiranga pyara jhanda uncha rahe hamara” भारत का सुप्रसिद्ध झंडा गीत को सन 1938 में कांग्रेस अधिवेशन में स्वीकार किया गया जिसके रचयिता श्यामलाल गुप्त पार्षद हैं। उनका जन्म 16 सितंबर 1893 को कानपुर में नरवल तथा वैश्य परिवार में हुआ था।
लेकिन बचपन से ही गरीबी में रहने के कारण भी उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की। देशभक्ति का जज्बा इतना उच्च था कि वे अपनी कविताओं के माध्यम से इससे व्यक्त किया करते थे। इसके बाद वे कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे तथा 1923 में कांग्रेस जिला अध्यक्ष भी बने। जब भारत अंग्रेजों से आजाद होने ही वाला था तो कांग्रेस द्वारा झंडे का चयन किया गया लेकिन झंडे के साथ झंडा गीत की भी जरूरत महसूस हुई।क्योंकि गणेश शंकर विद्यार्थी ‘पार्षद’ जी के काव्य कौशल से बहुत ही प्रभावित थे तो उन्होंने पार्षद जी से झंडा गीत लिखने का अनुरोध किया।
जिसके बाद “पार्षद” जी द्वारा झंडा गीत लिखने की कोशिश की गई लेकिन कई दिनों तक वे इस पर कार्य करते रहे लेकिन एक अच्छा झंडा गीत जो कि संतोषजनक को ना लिख पाए। जब विद्यार्थी जी द्वारा उन्हें कहा गया कि मुझे हर हाल में कल सुबह तक झंडा गीत चाहिए तो वह अपनी कागज और कलम लेकर इस कार्य में जुट गए। और फिर उन्होंने आधी रात तक ही नए झंडे गीत को अपनी कलम द्वारा कागज पर लिख डाला, लेकिन वह इससे संतुष्ट नहीं थे और वह निराश होकर जब सोने के लिए लौटे तो अचानक से ही उनके भीतर नया भाव उमड़ने लगा। और वह बिस्तर में बैठकर नया गीत दोबारा लिखने लगे। पार्षद जी को लग रहा था कि जैसे कल हम खुद ही चल रही हो और भारत माता उनसे यह गीत लिखवा रही हो। यह गीत था –
झंडा गीत – Jhanda Geet Lyrics
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला,
वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन – मन सारा।
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण – क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाए भय संकट सारा ।
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
इस चरखे के नीचे निर्भय,
लें स्वराज्य यह अविचल निश्चय,
बोलें भारत माता की जय,
स्वतंत्रता हो ध्येय हमारा ।
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
आओ प्यारे वीरो आओ,
राष्ट्र ध्वज पर बलि – बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा ।
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
इसकी शान न जाने पाए,
चाहे जान भले हीं जाए,
विश्व – विजय करके दिखलाए,
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा ।
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ।
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
English
vijayi vishwa tiranga pyara
jhanda uncha rahe hamara
Sadaa shakti barsaane wala
Prem sudhaa barsaane wala
Veeron ko harshane wala
Matru bhumi ka tan man saara
Jhanda uncha rahe hamara
Swatantra ke bhishan rann mein
Rakh kar josh badhe kan kan mein
Kaanpe shatru dekhke man mein
Mit jaave bhay sankat saara
Jhanda uncha rahe hamara
Iss jhande ke neeche nirbhay
Le swaraj yeh abhichal nishchay
Bolo Bharat Mata ki Jai
Swatantrata hai dhey hamara
Jhanda uncha rahe hamara
Aao pyaare veeron aao
Desh dharm par bali-bali jao
Ek sath sab mil kar gaao
Pyaara Bharat Desh hamara
Jhanda uncha rahe hamara
Iski shaan na jaane paaye
Chahe jaan bhale hi jaye
Vishwa vijayi kar ke dikhlayen
Tab hoye pran purn humara
Jhanda uncha rahe hamara
Useful