Download Vision IAS Governance (शासन) notes in Hindi pdf for UPSC Civil Services Examination (Hindi Medium shasan notes)
अगर आप यूपीएससी के नोट्स खोज रहे हैं तो आज मैं आपके साथ भारत में सिविल सेवाएं हिंदी में साझा करने जा रहा हूं आप सभी नीचे दिए गए लिंक से पूरा नोट्स पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।
शासन में शासन की सभी प्रक्रियाएं शामिल हैं – चाहे वह किसी राज्य की सरकार द्वारा, बाजार द्वारा, या नेटवर्क द्वारा एक सामाजिक व्यवस्था पर और चाहे वह किसी संगठित समाज के कानूनों, मानदंडों, शक्ति या भाषा के माध्यम से हो।
शासन आम तौर पर राजनीतिक नेताओं द्वारा देश की नागरिकों की भलाई के लिए शक्तियां अधिकार के प्रयोग के रूप में परिभाषित किया जाता है। जो कि एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कुछ सत्ताधारी पार्टियों का क्षेत्र पर काबिल होता है। और सार्वजनिक नीतियां लागू की जाती है जो कि मानव और संस्थागत बातचीत और आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रभावित करती है।
अध्याय
- शासन महत्वपूर्ण आयाम
- लोकतन्त्र में सिविल सेवाओं की भूमिका
- विकास प्रक्रियाएं तथाविकास उधोग – गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों व संघों,दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों
शासन क्या है?
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) 1997 ने शासन को सभी स्तरों पर देश के मामलों का प्रबंधन करने के लिए आर्थिक प्रशासनिक एवं राजनीतिक अधिकार के अभ्यास के रूप में परिभाषित किया है। इसमें ऐसे तंत्र प्रतिक्रियाएं एवं संस्थान सम्मिलित होते हैं जिनके माध्यम से नागरिक एवं समूह अपने हितों को सहसंबंधित करते हैं, अपने विधिक अधिकारों का उपयोग करते हैं, अपने दायित्वों को पूर्ण करते हैं और अपने मतभेदों का निराकरण करते हैं।
सुशासन (good governance): वैसे तो शासन अपने आप में ही एक तटस्थ शब्द है जबकि सुशासन में “शासन” की गुणवत्ता से संबंध सकारात्मक विशेषताएं एवं मूल्य निहित होते हैं। सुशासन एक गतिशील अवधारणा है और सुशासन के पहलुओं को परिभाषित करने में बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत निष्ठा समाविष्ट होती है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम सुशासन की 8 मुख्य विशेषताओं को मान्यता प्रदान करता है।
- सहभागितापूर्ण
- सर्वसहमति उन्मुख
- पारदर्शी
- उत्तरदाई
- अनुक्रियात्मक
- प्रभावी और कुशल
- समतापूर्ण और समावेशी
- कानून के शासन का पालन करने वाला
भारत में सिविल सेवाएं
भारतीय सिविल सेवा प्रणाली विश्व की प्राचीनतम प्रशासनिक प्रणालियों में से एक मानी जाती है, क्योंकि भारत में सिविल सेवा प्रणाली का उद्भव मौर्य काल से शुरू हो गया था। कौटिल्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र के अंतर्गत सिविल सेवकों के चयन और पदोन्नति के सिद्धांत, सिविल सेवा में नियुक्त के लिए निष्ठा संबंधित शर्तो उनके कार्य निष्पादन के मूल्यांकन की विधियां और उनके द्वारा अनुसरण की जाने वाली आचार संहिता के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।
पुलिस सेवा: स्वतंत्रता से पूर्व इंपीरियल पुलिस की नियुक्ति प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से राज्य सचिव द्वारा की जाती थी। इंपीरियल पुलिस में भारतीयों को 1920 के बाद ही अवसर प्रदान किए गए और आगामी वर्ष की सेवाओं के लिए परीक्षाएं इंग्लैंड तथा भारत में ही आयोजित करवाई।
वन सेवाएं: भारत में इंपीरियल वन विभाग की स्थापना 1864 में जबकि इंपीरियल वन सेवा का गठन 1867 में किया गया। 1807 से 1885 तक इंपीरियल वन सेवा में नियुक्त अधिकारियों को फ्रांस और जर्मनी में प्रशिक्षित किया जाता था। वर्ष 1920 में यह निर्णय लिया गया कि इंपीरियल वन सेवा के लिए आगामी नियुक्तियां इंग्लैंड और भारत में प्रत्यक्ष भर्ती के रूप में तथा प्रांतीय सेवा से पदोन्नति के माध्यम से की जाएगी।
Download nahi ho raha hai
PDF download hi nhi ho rha krte krte 1 hour ho gya.
Please and make available.