Download Vision IAS Social Justice (सामाजिक न्याय) notes in Hindi pdf for UPSC Civil Services Examination (Hindi Medium samajik nyay notes)
नमस्कार मित्रों, आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके लिए लेकर आए हैं विजन आईएएस सामाजिक न्याय के हिंदी नोट्स जोकि यूपीएससी परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है, आप इन नोट्स को पीडीएफ के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हो।
सामाजिक न्याय तथा भारतीय समाज विषय को यूपीएससी सिविल सर्विस में परीक्षा की सामान्य अध्ययन-I पेपर में शामिल किया गया है, इसके अलावा सिविल सर्विस प्रीलिम्स परीक्षा में भी इससे जुड़े हुए प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए इस विषय को फिल्म एवं मेंस परीक्षा दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस विषय के पाठ्यक्रम को एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक समाजशास्त्र से प्रभावी ढंग से कवर किया जा सकता है। तथा नियमित रूप से करंट अफेयर्स को पढ़ना भी इसमें शामिल है।विषय की तैयारी के लिए आप निम्न बातों को फॉलो करें – एनसीईआरटी पढ़ें, अपनी नींव को मजबूत करें, करेंट अफेयर्स नोट्स, पिछले वर्ष के प्रश्न और उत्तर लेखन।
अध्याय
- शिक्षा
- स्वास्थ
- मानव संसाधन
सामाजिक न्याय की परिभाषा
सामाजिक न्याय का अर्थ है समाज में रहने वाले मनुष्य के बीच भेदभाव ना हो तथा कानून सबके लिए समान हो और कानून के समक्ष सभी बराबर हो ताकि सामाजिक न्याय हो। सामाजिक न्याय का अर्थ समाज में उत्पन्न विकास की सभी अवसरों जैसे वस्तुओं एवं सेवाओं का न्याय उचित तरीके से वितरण तरीके से वितरण भी है।
चीन के दार्शनिक कन्फ्यूशस के अनुसार न्याय : “गलत करने वालों को दंडित कर और भले लोगों को पुरस्कृत कर राजा को न्याय कायम रखना चाहिए।”
शिक्षा: शिक्षा कि समाज में बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि शिक्षा विकास और समृद्धि का आधार है, शिक्षा का समानता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका है एवं यह गरीबी एवं समानता ओं को कम करने के लिए एकमात्र सतत मार्ग प्रदान करती है। इसलिए सभी के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा एवं पहुंच सुनिश्चित करना भारत के आर्थिक एवं सामाजिक विकास का केंद्र बिंदु है।
भारत में आजादी के समय केवल 12% लोग साक्षर थे, और 2011 में 82.1% पुरुष तथा 65.5% महिला साक्षरता दर के साथ भारत की कुल साक्षरता दर 74% हो गई। हालांकि वैश्विक औसत साक्षरता दर 84% कि भारत की साक्षरता दर काफी नीचे है। और वर्तमान में भारत में विश्व की सबसे बड़ी अशिक्षित आबादी निवास करती है। 93.91% के साथ केरल भारत का सबसे अधिक साक्षर राज्य हैं वही बिहार 63.82% के साथ न्यूनतम दक्ष राज्य है।
स्वस्थ्य: ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत। अर्थात सभी सुखी रहें, सभी रोग मुक्त रहें। डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य को पूर्ण रूप से सारे एक मानसिक एवं सामाजिक कल्याण की स्थिति के रूप में परिभाषित करता है, ना कि केवल रुग्णता या बीमारी की अनुपस्थिति के रूप में। अच्छे स्वास्थ्य के निर्धारक हैं विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, किसी व्यक्ति द्वारा चयनित जीवन शैली तथा पारिवारिक और सामाजिक संबंध।
हमारे संविधान राज्य से राज्य की नीति के सिद्धांतों के विभिन्न अनुच्छेद के अंतर्गत इसके कर्तव्य के रूप में सभी लोगों के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी कल्याण को सुनिश्चित करने की अपेक्षा करता है।
मानव संसाधन: मानव संसाधन विकास किसी भी देश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि भौतिक पूंजी का प्रभावी उपयोग मानव संसाधन पर ही निर्भर करता है। 2050 तक भारत दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है साथ ही विश्व की सबसे बड़ी कार्यशील आबादी होगी जिसके 2030 तक 962 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है।