ऋग्वेद सबसे पुराना ज्ञात वैदिक संस्कृत ग्रंथ है, जिसकी रचना लगभग 1800 से 1100 ईसा पूर्व मानी जाती है. ऐसा कहा जाता है, कि ऋग्वेद से ही अन्य तीन वेदों की रचना हुई है. यह Indo-european Language में सबसे पुराने ग्रंथों में से एक हैं. यह सनातन धर्म का सबसे प्रमुख ग्रंथ है जिसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त और 10462 मन्त्र हैं. यदि आप Rigveda In Hindi PDF Download करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
ऋग्वेद का नाम ऋषि ऋग्वान के नाम पर पड़ा है। ऋषि ऋग्वान ने ऋग्वेद के सम्पूर्ण मंत्रों को अपनी उपासना और ज्ञान की प्राप्ति के लिए उत्तरदायी रूप से संकलित किया था।
ऋग्वेद से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
- ऋग्वेद वर्तमान समय में ज्ञात विश्व का सबसे प्राचीन ग्रंथ है.
- इस वेद में देवताओं की स्तुति करने वाले मंत्र की प्रधानता हैं.
- ऋग्वेद में निर्गुण ब्रह्मा का भी वर्णन किया गया है.
- ऋग्वेद में यह भी कहा गया है, कि राजा का पद वंशानुगत होता था.
- इस वेद में बहुदेववाद, एकेश्वरवाद, एकात्मवाद आदि का वर्णन किया गया है.
- इसमें सिंधु नदी का वर्णन सबसे अधिक बार हुआ है साथ ही इसमें सबसे पवित्र नदी सरस्वती को माना गया है. सिंधु तथा सरस्वती के अलावा गंगा तथा यमुना का जिक्र भी किया गया है.
- ऋग्वेद के भी दो विभाग होते हैं- अष्टक क्रम तथा मंडल क्रम
- ऋग्वेद के 10 उपनिषद बताए गए हैं.- ऐतरेय, आत्मबोध, कौषीतकि, त्रिपुरा, बह्वरुका, मूद्गल, निर्वाण, नादबिंदू, अक्षमाया और सौभाग्यलक्ष्मी.
महत्वपूर्ण संस्कृत श्लोक
स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः .
स्वस्ति नस्तायो अरिष्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ..
भूरिदा भूरि देहि नो मा दभ्रं भूर्या भर . भूरि घेदिन्द्र दित्ससि ..
भूरिदा ह्यसि श्रुतः पुरुत्रा शूर वृत्रहन् , आ नो भजस्व राधसि ..
भंद्र कर्णेभिः शृणुयाम देवा भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः .
स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवांसस्तनूभिर्व्यशेम देवहितं यदायुः ..
स हि सत्यो यं पूर्वे चिद् देवारुचिद्यमीधिरे।
होतारं मंद्रजिह्वमित् सुदीतिर्भिवभावसुम्।।
जानन्ति वृष्णो अरुषव्य सेवमुत ब्रधनस्य शासने रणन्ति।
दिवोसचि: सुसचो रोचमाना इला येषां गण्या माहिना गी:।।
सुविज्ञानं चिकितुषे जनाय सच्चासच्च वचसी यस्पृधाते।
तयोर्यत् सत्यं चतरहजीयस्तदित् सोमोऽवति हंत्यासत्।।
Rigveda में कही गयी महत्वपूर्ण बातें
ऋग्वेद में कहा गया है, जिस व्यक्ति ने इस भूमि पर जन्म लिया है. वह व्यक्ति जीवन को सुंदर बनाने के लिए ही उत्पन्न हुआ है. धीरे व्यक्ति अपनी मनन शक्ति के द्वारा अपने कर्मों को पवित्र करते हैं. और विप्रजन दिव्य भावना से वाणी का उच्चारण करते हैं।
जो व्यक्ति श्रेष्ठ ज्ञान की खोज में लगे हुए हैं उनके सामने सत्य तथा असत्य दोनों प्रकार की बातें स्पर्धा करती रहती है. जो व्यक्ति शांति की कामना करता है वह सत्य को चुनकर असत्य का परित्याग कर देता है.
जो व्यक्ति निर्धन को अन्न देता है, वह ही सार्थक रूप से भोजन ग्रहण करता है. ऐसे सिटी के पास हमेशा प्रचुर मात्रा में अन्य रहता है. तथा जब उसे मदद की आवश्यकता होती है तो उसके मित्र सदैव सहायता के लिए तत्पर रहते हैं.
ऋग्वेद की विशेषताएं
- इसके सूक्त में हिन्दू धर्म की विचारधारा का प्रतिबिंब है.
- इसे आपको धार्मिक तथा नैतिक दोनों प्रकार की शिक्षाएं प्राप्त होती है.
- यह अच्छे सांप्रदायिक व्यवहार के बारे में भी बात करता है.
- इसमें विभिन्न रोगों के इलाज, बारिश तथा अन्य मौसम की जानकारी, हथियारों का ज्ञान आदि के बारे में बताया गया है.
- इसके अतिरिक्त इस ग्रंथ में धर्म तथा दान के महत्व को भी समझाया गया है.
- यह वैदिक काल से संबंधित विभिन्न प्रकार के भौगोलिक कारकों की जानकारी प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य है.