Download PDF of छठ पूजा व्रत विधि, पूजन सामग्री (Chhath Puja Vrat Vidhi, Pujan Samagri List)
भारत के उत्तर प्रदेश बिहार तथा झारखंड राज्य में छठ का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होती है.
तथा यह पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व में महिलाएं लगभग 36 घंटों का निर्जला व्रत रखती हैं । आज मैं आप सभी के साथ Chhath Puja Vrat Vidhi, Samagri List साझा करने वाला हूं जिसका PDF आप नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं ।
छठ पर्व को लेकर बहुत ही धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं। यह माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से भगवान सूर्य एवं छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होता है यह वरदान संतान एवं परिवार के लिए उत्तम है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस पर्व को विधि विधान से संपन्न करने पर हर मनोकामना सूर्यदेव पूरा करते हैं, यह पूजा मुख्य रूप से सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के साथ छठी मैया की पूजा से संबंधित है जो कि हर साल भारत में मनाया जाता है।
छठ पूजा व्रत विधि (Chhath Puja Vrat Vidhi)
- पहले दिन सबसे पहले आपको नहाय-खाय के साथ छठ पूजा प्रारंभ करनी चाहिए
- इस दिन सबसे पहले घर की साफ-सफाई की जाती है
- इसके लिए आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए
- तथा उसके बाद कुछ दान भी करना चाहिए
- इस दिन व्रत लेने वाला व्यक्ति खाने में चना की दाल, कद्दू की सब्जी, चावल एवं प्रसाद खाता है
- दूसरा दिन खरना का दिन है जिस दिन व्रत की शुरुआत होती है किसी किसी जगह खरना को लोहंडा के नाम से भी जाना जाता है
- इस दिन महिलाएं पूरा दिन व्रत रखती है
- इसके बाद शाम को मिट्टी के चूल्हे पर खीर का प्रसाद बनाया जाता है लेकिन आपको यह ध्यान रखना है कि खीर में केवल गुड़ का प्रयोग ही होना चाहिए
- शाम को छठी मैया की पूजा की जाती है तथा गुड़ की खीर को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है
- उसके बाद खीर खाकर 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत की शुरुआत की जाती है
- तीसरा दिन छठी मैया तथा सूर्य देव वरुण देव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए
- इसी दिन निर्जला व्रत रखा जाता है
- इसके बाद शाम को नदी या तालाब के किनारे ऋतु फल तथा शुद्ध घी से बने हुए पकवान इसे अस्त हो रहे सूर्य की पूजा अर्चना की जाती है
- छठ पर्व के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है ।
- छठ माता से संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वर मांगा जाता है
- पूजा के बाद व्रत रखने वाला व्यक्ति कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद खाकर पारण करते हैं। सुबह के अर्घ्य के साथ ही इस व्रत की समाप्ति हो जाती है।
नहाय खाए (पहला दिन)
छठ पूजा के पहले दिन में सबसे पहले स्नान के पश्चात साफ सफाई की जाती है और मन को तामसिक प्रवृत्ति से बचाने के लिए शाकाहारी भोजन ग्रहण किया जाता है।
खरना (दूसरा दिन)
यह छठ पूजा का दूसरा दिन होता है जिसे खरना भी कहा जाता है जिसका अर्थ होता है उपवास। इस दिन जो भी घर में व्रत रखता है वह एक बूंद भी जल की ग्रहण नहीं करता है। संध्या के समय पर गुड़ की खीर एवं घी लगी हुई रोटी तथा फलों का सेवन करते हैं, और बाकी सदस्यों को इसे प्रसाद के तौर पर दिया जाता है।
संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन)
छठ पर्व का तीसरा दिन कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को आता है इस दिन संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। तथा शाम को बांस की टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है। जिसके पश्चात व्रति अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्ध्य देते हैं। अर्ध्य देते समय सूर्य को जल तथा दूध चढ़ाया जाता है और प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है, तथा इसके पश्चात रात्रि में छठी माता के गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा सुनाई जाती है।
उषा अर्घ्य (चौथा दिन)
छठ पर्व के अंतिम दिन भी सुबह को सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद छठ माता से संतान की रक्षा एवं पूरे परिवार की सुख-शांति का वरदान मांगा जाता है। पूजा के पश्चात व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद ग्रहण करके अपना व्रत तोड़ते हैं जिसे पारण या परना कहा जाता है।
छठ पूजा सामग्री लिस्ट (Chhath Puja Samagri List)
प्रसाद रखने के लिए बांस की दो-तीन बड़ी टोकरी, कैराव, कपूर, कुमकुम, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, दूध और जल के लिए ग्लास, थाली, धूप और बड़ा दीपक, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, चावल, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, हल्दी और अदरक का पौधा (हरा हो तो अच्छा है) , लोटा (जिसे टाब भी कहते हैं) , बांस या पीतल के बने तीन सूप, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, पानी वाला नारियल, लाल सिंदूर, चन्दन, मिठाई ।
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छठ पूजा व्रत कथा, आरती | Chhath Vrat Katha, Aarti
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. pdfnotes.co इसकी पुष्टि नहीं करता है.)